करवा चौथ


करवा चौथ

आ गयी है चौथ करवा
मांग है फिर चांद की
कल तलक जो चांद थे
वो मांग करते चाँद की

सज संवर के आज बैठी
हाथ में ले फूल फल
चाहतें मन में सजन की
मांग करती चाँद की

चाँद भी शरमा के बैठा
आये ना फिर वो गगन
चाँद इस धरती के सारे
मांग करते चाँद की

चाँद मेरा चाँद देखे
मैं देखूँ अपने चाँद को
हाथ में वो छलनी लेके
मांग करते चाँद की

भूखे प्यासे वो खड़े है
मुख है फिर भी चाँद सा
वो बढ़ाने उमर मेरी
मांग करते चाँद की

जल चढ़ा चरणों पे मेरे
पूजती वो इस कदर
मानती भगवन मुझे वो
मांग करती चाँद की

चाहतें है तेरी कैसी
मैने पूछा चाँद से
चाँद खुद शरमा के बोली
तुम ही मेरे चाँद हो


करवा चौथ पर अपने चाँद को समर्पित

पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539

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