तूँ ही मेरा चाँद है
तूँ ही मेरा चाँद है
तूँ ही मेरा चांद है
तूँ ही मेरी चांदनी
चारों और है तिमिर
तूँ ही एक रोशनी
कितना भी रहूं मैं दूर
तूँ ही मेरे पास है
गर यदि बदन हूँ मैं
तूँ मेरा लिबास है
नाग मैं तूँ है मणि
आँख मैं तूँ रोशनी
मैं रतन मेवाड़ का
तूँ है मेरी पद्मिनी
खुशबू मैं तुम फूल हो
प्यार ये कुबूल हो
मिल के हम रहे सदा
हमसे ना फिर भूल हो
कंठ में जब भी बनूँ
तुम गले का हार हो
अब हमारे बीच में
कभी नही दीवार हो
पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539
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