भगवती गीत ( मैथिली )
भगवती गीत ( मैथिली )
हे भगवती अहाँ जानय छी
की अछि हम्मर मन में
किया के लय छी हमर परीक्षा
की अछि अहाँ के मन में
नहीं चाही धन सोना हमरा
नही चाही किछु और वरदान
रहे संग में अहाँ के आशीष
रहि लेब हम तँ बन में
अहाँ के पूजा और आरती
नित दिन हमरा छूटे नहीं
जग के ई सब मायाजाल में
मनवा हमर भटके नहीं
अहीँ के जपते भोर हुए और
अहीँ के जपते राइत हुए
धूप ठंड चाहे कतबो आबे
चाहे खूब बरसाइत हुए
अहीँ के चाकरी सदा करी माँ
जग के शरण में जाई नही
मन में सदा रहय छी मैया
हमरा अहाँ बिसराई नही
पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539
अपन टिप्पणी अवश्य करी।
हे भगवती अहाँ जानय छी
की अछि हम्मर मन में
किया के लय छी हमर परीक्षा
की अछि अहाँ के मन में
नहीं चाही धन सोना हमरा
नही चाही किछु और वरदान
रहे संग में अहाँ के आशीष
रहि लेब हम तँ बन में
अहाँ के पूजा और आरती
नित दिन हमरा छूटे नहीं
जग के ई सब मायाजाल में
मनवा हमर भटके नहीं
अहीँ के जपते भोर हुए और
अहीँ के जपते राइत हुए
धूप ठंड चाहे कतबो आबे
चाहे खूब बरसाइत हुए
अहीँ के चाकरी सदा करी माँ
जग के शरण में जाई नही
मन में सदा रहय छी मैया
हमरा अहाँ बिसराई नही
पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539
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भाषा के स्पष्टीकरण नहि लागति अछि दोस
ReplyDeleteटिप्पणी के लेल धन्यवाद।
ReplyDeleteमैथिली में नही लिखैत छी ताहि से किछु दोष भय सकैत अछि।
शीघ्र एकरा संशोधित करवा के पुनः प्रकाशित करब।
Bahut sundar
ReplyDeleteधन्यवाद
ReplyDeleteShandaar
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