क्या हुआ है मुल्क में



बदले बदले लोग हैं
बदली बदली है हवा
क्या हुआ है मुल्क में
जो आ रहा है धुँवा

कौन है तेरे यहाँ
कौन है मेरे यहाँ
छिड़के है बारूद जो
और कर रहा धुँवा धुँवा

कितना अमन चैन था
कितना वो सुकून था
क्या हुआ है इस कदर
क्यों उठ रहा धुँवा धुँवा

हरा भरा था वन मेरा
चल गई गरम हवा
भिड़ रही है लकड़ियां
उठ रहा धुँवा धुँवा

पेड़ सब जले हुए
गर्म हो गयी हवा
जानवर है जल गए
मानवता बची कहाँ

देश को फिर तोड़ने
आ रहे है कुछ युवा
आओ हम पहचान ले
दे दे उनको फिर दवा

कल भी तुम मौन थे
देश तुमने गवां दिया
आज फिर जो ना जगे
रह जायेगी सिसकियां

पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539

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