मैं मानता हूँ कि तुम बड़ी खूबसूरत हो
मैं मानता हूँ कि तुम बड़ी खूबसूरत हो
मैं मानता हूं कि तुम बड़ी खूबसूरत हो
फिर इसके लिए इतनी परेशान होती हो क्यों
क्यों जाती हो पार्लर में मरम्मत के लिए
चेहरे पे रोज़ इतनी मेकअप लगाती हो क्यों
आंखों में लगा काजल ही तेरे है काफी
फिर उस पर ये आई लाइनर लगाती हो क्यों
होठों के ऊपर जो तेरे है ये काला तिल
उसे पावडर से रोज़ छुपाती हो क्यों
खुले बाल यों लगते हैं जैसे हो बादल
फिर रोज़ अपनी चोटी तुम बनाती हो क्यों
पास जब भी आती हो तुम लेकर चाय
कमर पर डाल के पल्लू उसे छुपाती हो क्यों
बहाने बच्चों का कर के तुम करती हो शिकवा
हमेशा आने में इतना लेट हो जाते हो क्यों
लगाने सर में झंडू बाम तुम आ जाती हो
पास आने के ऐसे बहाने बनाती हो क्यों
पंकज कुमार झा
चित्तौड़गढ़
मोबाईल 9314121539
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